क्या "व्हाट्स-अप" फोटो शॉप और अफवाह फैलाने वालों के लिए खुला मैदान बन गया है ?
कल व्हाट्स-अप पर ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप मे कुछ स्क्रीन आए, जिनमे लिखा था कि पहली जनवरी 2017 से पूरे देश में सभी किसानों के कर्जे माफ होंगे,सभी टैक्स समाप्त होंगे आदि आदि | स्क्रीन भी हूबहू ऐसी बनायी गयी थी कि असली ही लगे पर किसी टी॰ वी॰ चैनल का नाम नजर नहीं आ रहा था | एक बार तो पढ़ा लिखा आदमी भी गच्चा खा जाए | जब जांच की तो पता चला की यह खबर फर्जी थी।
कुछ समय से ए॰ बी॰ पी॰ न्यूज़ चेनल, सोशल मीडिया पर वाइरल हुये ऐसे समाचारों की जांच पड़ताल कर दर्शकों को बताता है कि मैसेज गलत है या सही | पिछले साल डेढ़ साल से कुछ लोगों द्वारा गलत खबरों व अफवाहों का निर्माण कर जानबूझ कर पोस्ट किया जा रहा है | बड़ी अफवाए फैलाई जा रही है | लोगों को भ्रमित किया जा रहा है | धीरे धीरे लोगों का व्हाट्स-अप से भरोसा ही समाप्त हो रहा है |
सोशल मीडिया मे जब "ओरकुट" आया तो बड़ा कोतूहल भरा लगा | अपनी खुशी,गम और व्यक्तिगत समाचार को सॉफ्ट कॉपी के रूप मे सार्वजनिक रूप से लोगों तक पहुंचाने का आसान तरीका था | साथ साथ इंटरनेट तो था ही पर वो पूर्ण रूप से व्यक्ति से व्यक्ति को सॉफ्ट कॉपी में चिट्ठी लिखने जैसा लगने लगा था | "ओरकुट" को अपनी प्राकृतिक मौत के हवाले कर दिया फेसबुक ने | जब फेसबुक आया तो मानों तहलका मच गया हो | शुरू शुरू में लोगों ने बड़ी ईमानदारी से समाचार,फोटो ,विचार आदि प्रस्तुत किए ,बड़ा अच्छा लगता था ,जब कोई भुला बिसरा दोस्त 40 या 50 वर्ष बाद हैलो हाय करता और अपने व्यक्तिगत विचार साझा करता |
देखते ही देखते "व्हाट्स-अप" आया और छा गया | लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि सोशल मीडिया के इतने शक्तिशाली माध्यम का इस कदर दुरुपयोग भारत में होगा |
तस्वीर नाईजेरिया की ,बता रहे है भारत की ,तस्वीर सन 2012 की ,बतायी जा रही है 2016 की |तस्वीर किसी की,बताएँगे किसी की,किसी की गर्दन से ऊपर का भाग फोटो से काट कर किसी और के फोटो से जोड़ दिया जाता है | इस तरह फोटो शॉप के कलाकारों ने सत्यानाश कर रखा है |
दंगा ,फसाद फैलाने के उद्देश्य से एक समुदाय विशेष की भावनाओं को दूसरे के खिलाफ व्हाट्स-अप भड़काना, कुछ लोगों का मुख्य पेशा हो गया है |
साइबर कानून के रहते हुये और पुलिस के सख्त रवैये के बावजूद सोशल मीडिया पर झूठी खबरों का हर रोज़ ढेर लग जाता है |
आज कल नोट बंदी को लेकर भी तरह तरह की अफवाहें फैलायी जा रही है ,जैसे 2000 का नोट छ्ह महीने बाद में बंद होने वाला है , देश मे 90 % लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं है , नए 500 और 2000 के नोट का रंग उतर जाता है ,इसमे प्रिंटिंग मिस्टेक है ,इसमे मराठी मे गलत लिखा गया है आदि आदि | ये और इनके जैसी बहुत सारी बातों को खबर के रूप मे व्हाट्स अप पर वाइरल कर जनता को गुमराह करने का काम बड़े ज़ोर शोर से चल रहा है |
आम जनता से आशा की जाती है कि व्हाट्स अप मिलने वाले हर समाचार पर विश्वास न करें | उस समाचार को अखबार,रेडियो ,टी॰वी॰पर क्रॉस चेक अवश्य करले | इस कलयुग के जमाने में हम सभी को बहुत ही सतर्क व सावधान रहने की आवश्यकता है | अस्तु
करुणा शंकर ओझा
email: ks_ojhaji@yahoo.com
कल व्हाट्स-अप पर ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप मे कुछ स्क्रीन आए, जिनमे लिखा था कि पहली जनवरी 2017 से पूरे देश में सभी किसानों के कर्जे माफ होंगे,सभी टैक्स समाप्त होंगे आदि आदि | स्क्रीन भी हूबहू ऐसी बनायी गयी थी कि असली ही लगे पर किसी टी॰ वी॰ चैनल का नाम नजर नहीं आ रहा था | एक बार तो पढ़ा लिखा आदमी भी गच्चा खा जाए | जब जांच की तो पता चला की यह खबर फर्जी थी।
कुछ समय से ए॰ बी॰ पी॰ न्यूज़ चेनल, सोशल मीडिया पर वाइरल हुये ऐसे समाचारों की जांच पड़ताल कर दर्शकों को बताता है कि मैसेज गलत है या सही | पिछले साल डेढ़ साल से कुछ लोगों द्वारा गलत खबरों व अफवाहों का निर्माण कर जानबूझ कर पोस्ट किया जा रहा है | बड़ी अफवाए फैलाई जा रही है | लोगों को भ्रमित किया जा रहा है | धीरे धीरे लोगों का व्हाट्स-अप से भरोसा ही समाप्त हो रहा है |
सोशल मीडिया मे जब "ओरकुट" आया तो बड़ा कोतूहल भरा लगा | अपनी खुशी,गम और व्यक्तिगत समाचार को सॉफ्ट कॉपी के रूप मे सार्वजनिक रूप से लोगों तक पहुंचाने का आसान तरीका था | साथ साथ इंटरनेट तो था ही पर वो पूर्ण रूप से व्यक्ति से व्यक्ति को सॉफ्ट कॉपी में चिट्ठी लिखने जैसा लगने लगा था | "ओरकुट" को अपनी प्राकृतिक मौत के हवाले कर दिया फेसबुक ने | जब फेसबुक आया तो मानों तहलका मच गया हो | शुरू शुरू में लोगों ने बड़ी ईमानदारी से समाचार,फोटो ,विचार आदि प्रस्तुत किए ,बड़ा अच्छा लगता था ,जब कोई भुला बिसरा दोस्त 40 या 50 वर्ष बाद हैलो हाय करता और अपने व्यक्तिगत विचार साझा करता |
देखते ही देखते "व्हाट्स-अप" आया और छा गया | लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि सोशल मीडिया के इतने शक्तिशाली माध्यम का इस कदर दुरुपयोग भारत में होगा |
तस्वीर नाईजेरिया की ,बता रहे है भारत की ,तस्वीर सन 2012 की ,बतायी जा रही है 2016 की |तस्वीर किसी की,बताएँगे किसी की,किसी की गर्दन से ऊपर का भाग फोटो से काट कर किसी और के फोटो से जोड़ दिया जाता है | इस तरह फोटो शॉप के कलाकारों ने सत्यानाश कर रखा है |
दंगा ,फसाद फैलाने के उद्देश्य से एक समुदाय विशेष की भावनाओं को दूसरे के खिलाफ व्हाट्स-अप भड़काना, कुछ लोगों का मुख्य पेशा हो गया है |
साइबर कानून के रहते हुये और पुलिस के सख्त रवैये के बावजूद सोशल मीडिया पर झूठी खबरों का हर रोज़ ढेर लग जाता है |
आज कल नोट बंदी को लेकर भी तरह तरह की अफवाहें फैलायी जा रही है ,जैसे 2000 का नोट छ्ह महीने बाद में बंद होने वाला है , देश मे 90 % लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं है , नए 500 और 2000 के नोट का रंग उतर जाता है ,इसमे प्रिंटिंग मिस्टेक है ,इसमे मराठी मे गलत लिखा गया है आदि आदि | ये और इनके जैसी बहुत सारी बातों को खबर के रूप मे व्हाट्स अप पर वाइरल कर जनता को गुमराह करने का काम बड़े ज़ोर शोर से चल रहा है |
आम जनता से आशा की जाती है कि व्हाट्स अप मिलने वाले हर समाचार पर विश्वास न करें | उस समाचार को अखबार,रेडियो ,टी॰वी॰पर क्रॉस चेक अवश्य करले | इस कलयुग के जमाने में हम सभी को बहुत ही सतर्क व सावधान रहने की आवश्यकता है | अस्तु
करुणा शंकर ओझा
email: ks_ojhaji@yahoo.com